वैसे तो हर समर वेकेशन में मेरा और अमिताभ अंकल का परिवार हमेंशा बहार घुमने जाता था. लेकिन इस साल दादी की तबियत पतली होने की वजह से वेकेशन के आखरी दिनों तक हम लोग बहार नहीं जा पायें. अमिताभ अंकल मेरे डेड के साथ ऑफिस में काम करते थे. वैसे वो बंगाल से थे लेकिन नौकरी की वजह से अभी मुंबई में रहते थे. उनकी बीवी का नाम चैताली था. इस बंगालन आंटी के तेवर वैसे देखने लायक थे, वोह कभी भी किसी से सीधे मुहं बात नहीं करती थी, उसे बहुत गुमान था अपने सौन्दर्य पर. ५ फुट ५ इंच लम्बी, बंगाल की औरतों जैसा सवाल रंग और गजब के उसके अंग, मम्मे ३६ कमर शायद ३० और खूब बहार को उठी हुई उसकी गांड ४० इंच की. उसकी गांड इतनी गद्देदार है कि अच्छो अच्छो का लंड पानी छोड़ देता है. छुट्टियां पूरी होने को थी, दादी की तबियत भी अब अच्छी थी इसलिए डेड और अमिताभ अंकल ने घुमने की बात कही. डेड और अंकल ने कहीं दूर जाने के बजाय यही पास अलीबाग जाने का फैसला किया, क्यूंकि इतने दिन नहीं बचे थे अब छुट्टियों को खत्म होने में. मोम ने मना कर दिया साथ में आने के लिए क्यूंकि उन्होंने अलीबाग बहुत बार देखा था. आखिर कार मैं बंगालन आंटी चैताली , अमिताभ अंकल और डेड बस इतने लोग ही तैयार हुए अलीबाग जाने के लिए. मित्रो यह सत्य घटना इसी पिकनिक में बनी थी जिस में मैंने नकचढ़ी बंगालन रंडी चैताली की गांड मारी थी. मेरे 21 साल के जवान लंड का रस इस बंगालन आंटी ने भरपूर पिया था. आइये देखे की यह सब कैसे हुआ
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