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Adultery - ऋषिता अमिता ने मिलकर की अमित की गुलामी

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ऋषिता अमिता ने मिलकर की अमित की गुलामी
ऋषिता ओर अमिता के अनोखे और मजेदार हनीमून में होटल मालिक सोनम की एंट्री से कुछ देर को तो दोनों सकपका गये। ऋषिता कुछ नहीं बोली। अमित ने कहा यह हमारा मिया बीबी का मामला है। मेरा नाम सोनम है। क्या मैं इस गेम का हिस्सा बन सकती है। ओके अमित ने कहा। अंदर आ जाओ ओर मुर्गा बन जाओ। अब अमित के सामने ऋषिता के साथ सोनम भी मुर्गा बनी थी। उसकी पीठ पर एक और ऋषिता की पीठ पर दो पत्थर रखे थे। अमित खुद को किस्मत का धनी मानने लगा। योगा करने के बाद उसने दोनों मुर्गियों को खड़ा किया और बोला मार्निंग बाॅक पर चलो। ऋषिता और सोनम के गले में काॅलर पहनाकर उनको चेन से अटैच कर अमित ने लचकदार बेंत हाथ में ले ली और उनको चलने का इशारा किया। उसकी मुर्गियां नंगे बदन कयामत लग रही थीं। बाहर अंधेरा था फिर भी कोई देख सकता था। दोनों कुतियों ने जागिंग सूट पहना लिया। बाहर निकलते ही अमित ने दोनों के सूट उतरवा दिये। दोनों को मुर्गा बनाकर दौड़ने को कहा। दोनों मुर्गियां रेस कर रही थी और अमित लचकदार बेंत को सांय सांय करके उनके नंगे चूतड़ों पर मारता हुआ उन्हें दौड़ा रहा था। 10 मिनट की दोड के बाद सोनम गिर गयी। रेस की विनर ऋषिता बनी। अमित ने दोनों मुर्गियों को अपने कदमों में बिठा लिया। अब अमित भी नंगा था। उसका 9 इंची हथियार दो कुतियाओं के लिए लालच का केन्द्र बना हुआ था। दोनों मुर्गा रेस में ही झड चुकी थी। उनकी चूत से पानी टपकता साफ नजर आ रहा था। अमित अब रंग में आ रहा था। उसने सोनम की बांयी एवं ऋषिता की दांयी छाती को खींचते हुए कहा बहन चोद रंडियों तुम तो कह रही थी कोई स्पेशल मजा दोगी क्या हुआ उस स्पेशल मजे का। साली रांड झड़ के बैठी हो कुतियाओं। सोनम ने झपटकर अमित के लंड को चाटना शुरू किया, खूब मुँह गीला कर के सोनम ने लंड को चाट चाट के अपनी लार से तर कर दिया। ऋषिता भी पीछे नहीं थी। वह अमित के चूतड़ों को चूमकर पीछे से उसके अंडकोष को मुंह में ले रही थी। अमित का तो हाल पहले ही खराब था उसके यूं चाटने से बड़ी मुश्किल से उसने खुद को कंट्रोल किया।
अचानक से सोनम ने लंड को अपनी मस्त चूचियों के बीच में फंसा लिया और अपने हाथ दोनों चूचियों के अगल बगल जमा दिये। फिर सोनम ने अपने हाथों को चूचियों पर जमाये जमाये ऊपर नीचे करना शुरू किया जैसे कि लंड की मथनी चला रही हो। सोनम के मोटे मोटे नरम गरम चूचों के बीच में आराम से फंसे हुए लंड के तो यारों मजे ही लग गये। सोनम कभी ऊपर नीचे करके तो कभी आगे पीछे करके चूचे मथती। जैसे ही लंड थोड़ा सा सूख जाता, वो दोबारा से जीभ से चाट चाट के लौड़े को अपने मुखरस से तर कर देती। अमित का हाल बिगड़ता जा रहा था, लंड इतनी मस्त चूचियों से मथवा कर फटने को हो गया था। सोनम को भी खूब मजा आ रहा था क्योंकि उसकी चूचियों को लगातार लंड का दबाव और उसके अपने हाथों की रगड़ से अंजू रानी भी उत्तेजित हो चली थी।
अमित गर्मी में डूब कर मोटी मोटी गालियाँ दे रहा था ऋषिता के सुन्दर चेहरे पर तेज उत्तेजना की लाली छा गई थी और उसकी आँखें में लाल लाल डोरे तैरने लगे थे जैसे कि खूब शराब पीने पर होता है। तभी अचानक अमित के सिर में एक बिजली सी कौंधी और वह जोर की आह भरता हुआ बड़े जोर से झड़ा। मोटे मोटे लावा के गरम लौंदे बड़ी तेजी से छूटे, सोनम तथा ऋषिता की ठुड्डी और उसके गला मेरे लंड की मलाई से सन गया। अमित को मजा आ गया लेकिन सोनम अब गांड उचका कर मुर्गा बन गयी। अमित ने अपनी दोनों मुर्गियों को होटल के पास तक फिर नंगी परेड कराता लाया और वाहर कपड़े पहनाकर अंदर ले गया। कमरे के अंदर अमित के साथ उसकी दो गुलाम थी। अब नाश्ते का टाइम था। सोनम खुद बेटर की तरह नाश्ता लेकर अपने नये मालिक के पास पहुंची। अमित मूड में था। कमरे में उसने देगा ऋषिता मुर्गा बनी है और उसकी पीठ पर ट्रे रखी है। सोनम समझ गयी। उसने ऋषिता की पीठ पर गर्म काफी और नाश्ते की टेª रख दी। अमित ने सोनम की ओर देखकर कहा तू क्या कर रही है हरामखोर चेयर कहां है। वो चेयर लेने घूमी ही थी कि सटाक से बेंत उसके पिछबाड़े से टकराया। साली तेरी गांड से बढि़या चेयर कहां आयेगी। चल मुर्गा बन। कपड़े उतारकर सोनम मुर्गा बन गयी। अब अमित सोनम की पीठ पर आंगे लटका कर बैठ गया। उसने सोनम को दर्द देने के लिए पैरों को फर्श पर नहीं टिकाया। मुर्गा बनी सोनम की पीठ पर सवार अमित अब दूसरी मुर्गा टेबिल से उठाकर नाश्ता करने लगा। दोनों मुर्गाें को बहुत मेहनत करनी पड़ रही थी। अपने मालिक को नाश्ता कराने में अमित ने 15 मिनट का समय लिया। उसे मजाक सूझा और उसने ऋषिता के चूतडों में चिली साॅस लगा दी। चिली साॅस लगते ही ऋषिता कूद गयी। नाश्ते की टैª गिर गयी। अमित ने अपना चमड़े का पट्टा उठाकर ऋषिता को सजा देने का ऐलान किया। अपना हाथ सिर से उठाकर उसने ऋषिता के चूतडों पर प्रहार शुरू कर दिये। बीच बीच में वो सोनम के चूतड़ों पर भी पट्टा मार रहा था। उसका लंड अब फिर से तन चुका था। उसने दोनों को अपनी गांड हवा में रखने को कहा। वो बोला अमिता चल अब तू अपनी गांड खुलवा। सोनम बोली- प्लीज, मेरी गांड धीरे धीरे और प्यार से मारना, आज तक गांड में उंगली तक नहीं डाली है। दोनों मुर्गा गुलामों की गांड की दरार में लंड को फेरने के बाद उसने ऋषिता की गांड में सूखा लंड पेलना चाहा लेकिन टाइट माल था। इसलिए कामयाबी नहीं मिली। इसलिए उसने दोनों की गांड में सरसों के तेल की शीशी लौट दी। तेल लगा कर उनकी गांड चिकनी कर दी और कुछ तेल अपने हथियार पर भी लगा लिया और ऋषिता की गांड पर टोपा टिका के एक जोरदार शाट मारा पर लण्ड फिसल गया। ऐसा 4-5 बार हुआ तो वो बोली- छोड दे, एक बार और चूत ही बजा ले। अमित बोला- रुक तो जा, सबर कर चूत की ढक्कन।
अमित ने दोनों हाथों से उसके चूतड चैडेे करके गाण्ड चैडी की और एक झटके में लण्ड का टोपा फच कर के अंदर। ऋषिता बहुत जोर से चिल्लाई- ऊऊऊईईईइ माँ। मर गई३ ऊऊओ। मार डाला
और उसने पूरी ताकत से आगे बढ़ के छुटने की कोशिश की पर अमितं भी खिलाडी थाँ, उसनेे कस के उसकी कमर पकड ली थी। कुछ ठुकाई करने के बाद उसने सोनम की गांड पर चपत लगानी शुरू कर दी। फिर एक झटके में हथियार का रूख सोनम की गांड पर करते हुए उस पर धावा बोल दिया। पहले झटके में ढंट्री कराने के बाद फिर अमित ने आव देखा ना ताव और एक और जोरदार ठोकर उसकी गांड में मार दी और इस बार आधा लण्ड अंदर। उसको चकरघिन्नी आ गई और वो एक बार और जोरदार चील्लाई- मर गई। अमित ने उसके पुटठों पर एक चपत लगाई और लण्ड टोपे तक बाहर करके फिर अंदर कर दिया। मुर्गा बनकर गांड मराना आसान न था लेकिन अपने खास मजे के सेक्स में डूबी सोनम और ऋषिता यह दर्द भी झेलकर खुश थीं। अमित इतनी टाइट गांडों को मुर्गा बनाकर मार रहा था। उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसको बीवी के साथ ही नसीब से मिली कयामत की बला भी खास अंदाज में मजे दे रही है। अब अमित उनकी गांड पर चपत मार मार के लण्ड चलाता रहा और उसे अनापशनाप बोलने लगा- कुछ 10 मिनट बाद जब अमित ने हथियार ने बारूद उगली तो उसको शांति हुई। उसके ऊपर देखा, उसकी दोनों गुलामों की गांड लाल हो गई थी और सूज भी गई थी। सात दिन तक तीनों ऐसे ही मजा करते रहे। कभी चूत कभी मुंह कभी गांड तो मस्त होती ही मुर्गा बनकर अमित की नये नये अंदाज में दोनों ने खूब सेवा की। जब अमित और ऋषिता बिदा हुए तो सोनम उदास थी। सोनम से फिर आने का वायदा करते हुए दोनों ने एक दूसरे का नम्बर दिया और फिर मिलने का वादा किया। अमित और ऋषिता के जाने के बाद सोनम अकेली उदास थी। अचानक एक दिन होटल के कमरा नम्बर 102 से उसे सांय सांय की जानी पहचानी आवाज सुनायी दी। उसने कीहोल से देखा तो एक बला की खूबसूरत औरत हाथ में काले रंग हन्टर लिये थी।और मर्द सामने घोडा बना हुआ था। लैदर जींस और सफेद शर्ट में कीलों वाले जूते पहने उस बला ने मर्द के मुंह में लगाम लगायी थी और उसकी पीठ पर बैठी थी। मर्द इंच इंच कर आगे खिसक रहा था तो हसीना उसके चूतडों को लाल कर रही थी। उसे लगा कि उसको नया मजा मिलने वाला है। आगे क्या हुआ अगले अंक में ।

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