कैसे हो दोस्तों.....
ये एक सची घटना है जो मेरे साथ हुई थी, कैसे हवस के आगे रिश्ते बदलने में वक़्त नहीं लगता | उमीद करता हु आपको पढने में मजा जरूर आएगा |
मेरा नाम नितिन है | बात तब की है जब मै साल 2006 में इंजीनियरिंग में दाखला लेने कुरुक्षेत्र गया था | वहां से कुछ दूर लाडवा टाउन में मेरी बुआ का लड़का अजीत अपनी बीवी बच्चो के साथ रहता था जो की टीचर है | उनका स्कूल लाडवा से कोई 15 KM दूर था | उनके घर में दोनों मिया बीवी के अलावा 2 बच्चे थे जो स्कूल जाते थे | दिन में घर पर भाभी अकेली ही रहती थी | भाभी की उम्र उस समय करीब 30 साल होगी | अगले दिन काउंसलिंग होनी थी इसलिए मै शाम को पहले दिन ही उनके पास चला गया | अगले दिन हम सब का वापस अपने घर पानीपत आने का प्रोग्राम था क्यूंकि उनकी कुनबे में 2 दिन बाद किसी की शादी थी | मै शाम को उनके पास गया तो सभी बहोत खुस हुए व बच्चे मेरे साथ अछे से खेल कूद रहे थे | हम सब मार्किट में घूम कर आये व देर रात तक तक बात करते रहे | उनका अपना घर नहीं था बल्कि किराये का था व उसमे सिर्फ एक ही कमरा था व एक रसोई व बाथरूम था | उनके पास एक बेड व दो चारपाई थी | भाई भाभी दोनों चारपाई पर सो गए व मै बच्चो के साथ बेड पर सो गया | अगले दिन सुबह मै कांसेल्लिंग के लिए चला गया लेकिन उस दिन मेरी काउंसलिंग नहीं हो पायी व अगले दिन के लिए डेट मिल गयी | मै दोपहर तक वापस आ गया | वो सब घर चलने के लिए तैयार थे लेकिन मैंने कहा की मुझे कल दोबारा जाना है इसलिए मै यही रुक जाऊंगा आप लोग चले जाओ | काफी देर बात होने के बाद भाभी ने अजीत से कहा की आप बच्चो को ले के चले जाओ मै नितिन के साथ कल आ जाउंगी व यहाँ इसका खाना वगेरा भी बना दूंगी | भाई इस बात पर मान गया व शाम से पहले ही बच्चो को लेकर चला गया | अब मै और भाभी घर पर अकेले थे | उसके बाद जो हुआ वो मैंने कभी सोचा भी नहीं था और न ही भाभी को कभी गलत नजर से देखा था.....
ये एक सची घटना है जो मेरे साथ हुई थी, कैसे हवस के आगे रिश्ते बदलने में वक़्त नहीं लगता | उमीद करता हु आपको पढने में मजा जरूर आएगा |
मेरा नाम नितिन है | बात तब की है जब मै साल 2006 में इंजीनियरिंग में दाखला लेने कुरुक्षेत्र गया था | वहां से कुछ दूर लाडवा टाउन में मेरी बुआ का लड़का अजीत अपनी बीवी बच्चो के साथ रहता था जो की टीचर है | उनका स्कूल लाडवा से कोई 15 KM दूर था | उनके घर में दोनों मिया बीवी के अलावा 2 बच्चे थे जो स्कूल जाते थे | दिन में घर पर भाभी अकेली ही रहती थी | भाभी की उम्र उस समय करीब 30 साल होगी | अगले दिन काउंसलिंग होनी थी इसलिए मै शाम को पहले दिन ही उनके पास चला गया | अगले दिन हम सब का वापस अपने घर पानीपत आने का प्रोग्राम था क्यूंकि उनकी कुनबे में 2 दिन बाद किसी की शादी थी | मै शाम को उनके पास गया तो सभी बहोत खुस हुए व बच्चे मेरे साथ अछे से खेल कूद रहे थे | हम सब मार्किट में घूम कर आये व देर रात तक तक बात करते रहे | उनका अपना घर नहीं था बल्कि किराये का था व उसमे सिर्फ एक ही कमरा था व एक रसोई व बाथरूम था | उनके पास एक बेड व दो चारपाई थी | भाई भाभी दोनों चारपाई पर सो गए व मै बच्चो के साथ बेड पर सो गया | अगले दिन सुबह मै कांसेल्लिंग के लिए चला गया लेकिन उस दिन मेरी काउंसलिंग नहीं हो पायी व अगले दिन के लिए डेट मिल गयी | मै दोपहर तक वापस आ गया | वो सब घर चलने के लिए तैयार थे लेकिन मैंने कहा की मुझे कल दोबारा जाना है इसलिए मै यही रुक जाऊंगा आप लोग चले जाओ | काफी देर बात होने के बाद भाभी ने अजीत से कहा की आप बच्चो को ले के चले जाओ मै नितिन के साथ कल आ जाउंगी व यहाँ इसका खाना वगेरा भी बना दूंगी | भाई इस बात पर मान गया व शाम से पहले ही बच्चो को लेकर चला गया | अब मै और भाभी घर पर अकेले थे | उसके बाद जो हुआ वो मैंने कभी सोचा भी नहीं था और न ही भाभी को कभी गलत नजर से देखा था.....