माँ की आँख लगी ही थी कि उसका 12 साल का बेटा स्कूल से घर आया और बोला : माँ , मैं अब बड़ा हो गया हुँ और स्कूल के बाकी बच्चे मुझे ये कहकर चिढ़ाते है कि मैं रोज ये फटी हुई शर्ट पहन कर आता हूँ । मुझे नया शर्ट चाहिए। दूसरों के घरों में बर्तन मांझ कर अपना घर चलाने वाली माँ बेटे की इस फरमाइश को टाल ना सकी और बोली कि कल दिलवा दूंगी । बेटा भी बेमन से बात मानकर अपने काम में लग गया । माँ ने सोचा कि शाम को मालकिन से रुपये मांग लूंगी और कल दिलवा दूंगी । मगर मालकिन से रुपये मांगे तो उसने ये कहकर मना कर दिया कि अभी 3 दिन पहले ही तो उसका महीना शुरु हुआ है । अभी रुपये नहीं मिल सकते । माँ भी चुपचाप बर्तन मांझ कर घर आ गयी । अगले दिन जब बेटे ने शर्ट दिलाने की बात बोली तो माँ सोच में पड़ गई । फिर सोचा कि अपने किसी जानने वाले के यहाँ से उधार दिलवा देती हूँ, जब रुपये आयेंगे तब चुका दूंगी । इसी सोच के साथ माँ अपने जानने वाले की दुकान पर पहुँची , वहाँ अपने बेटे को शर्ट पसंद कराई http://www.ekaashiqui.com/2014/08/blog-post_84.html पूरी कहानी पढने के लिए ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करे
↧