Quantcast
Channel: Xossip
Viewing all articles
Browse latest Browse all 60709

Incest - गराज में चुदाई

$
0
0
उस दिन गराज में काम करते हुए देर हो चुकी थी | आसमान में तेज़ बदलो की वजह से मेरे साथ काम करनेवाले पहले ही घर चले गए हुए थे | मई था अकेले गाडियों की मरम्मत के लिए | इतने में मुझे अजीब सी आवाज़ सुनाई पढ़ी | बहार आके देखा मेरे गराज से कुछ ही दूर में एक गाड़ी अचानक ख़राब हो पढ़ी थी | धुँआ निकलती उस गाड़ी से उतरी एक २०-२२ साल की परेशान सी एक लड़की | उसकी सफ़ेद स्लिब्लेस कुर्ती के भीतर से उसका ब्रा स्ट्रैप्स दिख रहे थे | इतने में जोरो की बरसात सुरु हो गयी और वो मेरे गराज तक आ पहुची | बरसात की पानी से उसकी बदन भीग चुकी थी और उसकी गले से पानी टपकते हुए उसकी सरीर के अन्दर तक जा रही थी | उसकी भीगी हुई कुर्ती के भीतर से उसका ब्रा अब मुझे साफ़ दिखने लगी | उसकी अदाए मुझे कामुक बना रही थी पर फिर भी मैंने अपने वासनाओ को दबाते हुए उसे अन्दर लाके बिठाया और बातचीत के दौरान उससे दोस्ती बढाने की कोशिस की | तमीज़ के खातिर हमने उसे चाये ऑफर किया | पर मुझे ये नहीं पता था के मेरा सरीर उसे मुझसे ज्यादा कामुक बनाया हुआ था | हम जब चाये ले कर लौटे तो वो अपनी कुर्ती उतर चुकी थी | मेरे हाथ से चाये का प्याला गिर गया, तो उसने कहा “पहली बार देख रहे हो क्या?” | मैंने कहा “जी हां, ऐसा तो पहली बार देख रहा हु” | अब में और खुद को रोक न पाया और सीधे जाके उसे अपने बहो में बार लिया और उसने मुझे एकबार के लिए भी नहीं रोकी | में अपने ज़बान से उसकी गरम ज़बान को महसूस कर रहा और अपने हाथ उसकी भीगी हुई पीठ पे सहला रहा था | इतने में वो मेरे pant की ज़िप उतारने में लग गयी | मेरा लंड सख्ती से फटा जा रहा था और मैंने वहा उसकी कोमल हाथो का स्पर्श महसूस किया | अब में पागलो की तरह उसकी ब्रा उतार दिया और मुझे उसकी बड़ी बड़ी स्तन, जो की बारिस का पानी और ज़रा सी पसीने से भीगी हुई थी देखने को मिली | में उसकी स्तनों को चाटते हुए उसकी जीन्स का ज़िप उतारते हुए धीरे से उसकी योनी में हाथ सहलाने लगा | इससे वो और भी कामुक हो गयी तो में जिस ज़बान से अबतक उसके स्तनों को महसूस कर रहा था अब उसकी योनी को चाटने में लग गया | ऐसा करते ही वो अपने उत्तेजित आवाज़ में बोली “fuck me” | में बिना वक्त बर्बाद किये अपना लंड उसकी बूढ़ में घुसा दिया | मेरी उत्तेजना चरम सीमा पे थी जो बहार का मौसम और उसकी आवाज़ के साथ मुझे और उत्तेजित कर रहा था | धीरे धीरे जैसे हमारी उत्तेजना घटती गयी बाहार बरसात कम होता गया | उस धीमी रौशनीवाले गराज में हम दोनों बिलकुल अकेले एक दुसरे की और देखते हुए उठ कर बैठे | और फिर अचानक वो फिर से तजी से आके अपनी जुबां मेरे मु में भर दी | में भी उसकी भीगी नरम बदन को सहलाते हुए उसे kiss कर रहा था | बाहार बरसात धीमी धीमी से हुए जा रही थी | वक्त गुज़रता गया |


ऑडियो सेक्स स्टोरीज सुनने के लिए सेक्स चैट स्टोरीज डॉट कॉम विजिट करे !
http://sexchatstories.com

Viewing all articles
Browse latest Browse all 60709

Trending Articles